नागरिकता / Citizenship Rules in hindi
नागरिकता नियम / Citizenship Rules in hindi
नागरिकता, एक ऐसा विषय जो हर देश के लिए महत्वपूर्ण है, भारत में भी इसका अपना एक विशेष महत्व है। भारतीय नागरिकता नियम, 1955, उन नियमों का समूह है जो यह निर्धारित करता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं। यह नियम समय-समय पर संशोधित होते रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह आधुनिक भारत की आवश्यकताओं को पूरा करे।
नागरिकता कैसे प्राप्त करें:
भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के कई तरीके हैं:
- जन्म से नागरिकता:
- 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद और 1 जुलाई, 1987 से पहले भारत में जन्मे प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से भारत का नागरिक माना जाता है।
- 1 जुलाई, 1987 को या उसके बाद और 3 दिसंबर, 2004 से पहले भारत में जन्मे प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके माता-पिता में से कोई एक उसके जन्म के समय भारत का नागरिक था।
- 3 दिसंबर, 2004 को या उसके बाद भारत में जन्मे प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके माता-पिता दोनों उसके जन्म के समय भारत के नागरिक थे या उसके माता-पिता में से एक उसके जन्म के समय भारत का नागरिक था और दूसरा अवैध प्रवासी नहीं था।
- वंश द्वारा नागरिकता:
- 26 जनवरी, 1950 को या उसके बाद और 10 दिसंबर, 1992 से पहले भारत के बाहर जन्मे प्रत्येक व्यक्ति को वंश द्वारा भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके पिता उसके जन्म के समय भारत के नागरिक थे।
- 10 दिसंबर, 1992 को या उसके बाद भारत के बाहर जन्मे प्रत्येक व्यक्ति को वंश द्वारा भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके माता-पिता में से कोई एक उसके जन्म के समय भारत का नागरिक था।
- 3 दिसंबर, 2004 को या उसके बाद भारत के बाहर जन्मे प्रत्येक व्यक्ति को वंश द्वारा भारत का नागरिक नहीं माना जाता है, जब तक कि उसके जन्म के एक वर्ष के भीतर भारतीय वाणिज्य दूतावास में उसके जन्म का पंजीकरण न हो जाए या केंद्र सरकार की अनुमति से अधिक समय सीमा में उसका पंजीकरण ना हो।
- पंजीकरण द्वारा नागरिकता:
- केंद्र सरकार कुछ श्रेणियों के लोगों को पंजीकरण द्वारा भारत की नागरिकता प्रदान कर सकती है, जैसे कि भारतीय मूल के व्यक्ति, भारतीय नागरिक से विवाहित व्यक्ति, और भारतीय नागरिक के नाबालिग बच्चे।
- प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता:
- केंद्र सरकार कुछ शर्तों को पूरा करने वाले विदेशी नागरिकों को प्राकृतिककरण द्वारा भारत की नागरिकता प्रदान कर सकती है, जैसे कि भारत में निवास की अवधि और अच्छी चरित्र।
- क्षेत्र के समावेश द्वारा नागरिकता:
- यदि कोई क्षेत्र भारत का हिस्सा बन जाता है, तो केंद्र सरकार उस क्षेत्र के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान कर सकती है।
नागरिकता का समापन:
भारतीय नागरिकता का समापन तीन तरीकों से हो सकता है:
- त्याग: एक भारतीय नागरिक स्वेच्छा से अपनी नागरिकता का त्याग कर सकता है।
- बर्खास्तगी: यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो सकती है।
- वंचन: केंद्र सरकार कुछ आधारों पर किसी भारतीय नागरिक को उसकी नागरिकता से वंचित कर सकती है, जैसे कि धोखाधड़ी या देशद्रोह।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA):
- नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019, भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 में एक संशोधन है।
- यह अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है।
अतिरिक्त जानकारी:
- नागरिकता के नियम जटिल हो सकते हैं, और कानूनी सलाह लेना उचित है।
- नागरिकता के मामलों में, दस्तावेज़ीकरण और साक्ष्य महत्वपूर्ण होते हैं।
- नागरिकता के नियमों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए सरकारी स्रोतों से जांच करते रहना आवश्यक है।
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- Family id ko delete kaise karen
- Family id alag kaise kare ki jankari
- Ration card mein kyc kaise karen
- Real Love Story in Hindi For Girlfriend
- Ladkiyon ko gift mein kya dena chahiye ?
- Ayushman card ka upyog kaise karen
- Ration card kya hota hai in Hindi
- Family id kho jaye to kya karen
- Adhar card online appointment booking in hindi
- Family id kyon jaruri hai ki jankari
Post a Comment